क़स्बा मुबारकपुर, ग्राम पंचायत से नगर पालिका तक
रिपोर्ट: अबुल फैज़ खलीली
Nagar Palika Office Mubarkpur Azamgarh |
कड़ा मानकपुर के
के सूफी बुज़ुर्ग सय्यद राजा मुबारक शाह के द्वारा बादशाह हुमायूँ के शासन में
बसाया गया क़स्बा मुबारकपुर जिसे अब ना केवल नगर पालिका का दर्जा हासिल है बल्कि
उत्तर प्रदेश की कुछ स्मार्ट नगर पालिकाओं में इसका शुमार होता है जो पुनर्विस्तार
के बाद एक फिर 80 साल पीछे चला गया है
क्योंकि जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत
अमिलो को मुबारकपुर नगर पालिका में शामिल किया गया है | इससे आम लोगों को यही
मालूम है कि नगर पालिका का विस्तार हो गया है जिससे इसका क्षेत्र काफी बढ़ गया |
लेकिन शायेद ही किसी को यह मालूम है कि मुबारकपुर के इतिहास की वापसी है |
यानी 80 वर्ष पहले अमिलो मुबारकपुर का ही एक हिस्सा था
और ग्यारह वर्ष तक इसकी पह्चान मुबारकपुर से थी, ग्राम पंचायत से तरक्की देकर 1923 में जब मुबारकपुर को नोटिफाइड एरिया बनाया गया
तो इसमें अमिलो समेत ग्राम पंचायत सिक्ठी शाह्मुहम्मदपुर को भी शामिल किया गया था
और इस नोटिफाईड एरिया का चेयरमैन उस वक़्त के ज़मीदार शाह मुहम्मद अमीन अंसारी को
चुना गया | 1934 में जब मुबारकपुर को टाउन
एरिया का दर्जा दिया गया तो जनमत सर्वेक्षण में अमिलो और सिक्ठी शामुहम्मदपुर के
लोगो ने मुबारकपुर से अलग रहने का फैसला किया | इसलिए दोनों ग्राम पंचायतों को
टाउन एरिया से निकाल कर उन्हें अलग से गाँव पंचायत का दर्जा दिया गया | टाउन एरिया
बन्ने के बाद भी यहाँ के चेयरमैन अमीन अंसारी शुने गए लेकिन 1948 जब चारों तरफ परेशानी फैली हुई थी तो अमीन शाह
ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया तो मौलाना अब्दुल बारी क़ासमी को निर्विरोध चेयरमैन
चुन लिया गया | मगर 1952 में शाह अमीन अंसारी फिर
चुनावी मैदान में आगये इसलिए वही चुने भी गए | 1958 में हाजी
अब्दुल्लाह अंसारी चेयरमैन बने और 1963 के चुनाव में
पूर्व विधायक अब्दुल हफीज़ भारती को चेयरमैन चुना गया लेकिन इस पद पर वह अपना
कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें हटा दिया गया 1966 में उपचुनाव हुआ जिसमे कांग्रेस के टिकेट से
अब्दुल्लाह अंसारी एक बार फिर चेयरमैन चुने गए और उस बार उपाध्यक्ष की हैसियत से
पहली बार हाजी एस अब्दुलबारी का चुनाव हुआ | 1967 में हाजी गुलाम
नबी अंसारी चेयरमैन हुए और उन्हीं के कार्यकाल में 1972 में मुबारकपुर को
नगर पालिका का दर्जा मिल गया लेकिन उनकी कार्यकाल पूरा होने के बाद नगर पालिका
चुनावों को रद्द कर दिया गया और तकरीबन सोलह वर्ष बाद 1988 में पहली बार नगर पालिका का चुनाव हुआ जिसमे एक
गैर राजनितिक शख्सियत हाजी मुख्तार अहमद भट्टा वाले आश्चर्यजनक तरीके से नगर
पालिका अध्यक्ष चुने गए |
1995 कके चुनाव में मुबारकपुर
नगर पालिका सीट महिला आरक्षित हो गयी और डॉ शकीला अव्वल पत्नी स्व. डॉ अब्दुल
अव्वल ने पहली बार किस्मत आज़माइ जिसमे वह कामयाब भी रहीं लेकिन 1998 में पालिका सभासदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर
उन्हें पद से हटा दिया और फिर उसी साल होने वाले उपचुनाव में स्व हाजी मुहम्मद
यूनुस अंसारी की पत्नी करिमुन्निसा नगर पालिका चेयरपरसन चुनी गयी |
फ़रवरी 2001 के इलेक्शन में डॉ शमीम अहमद अंसारी पालिका
अध्यक्ष बने, यह चुनाव नवम्बर 2000 में होने वाला था
लेकिन उस वक़्त शिया सुन्नी फ़साद के कारण मुबारकपुर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा
हुआ था इसलिए तीन माह के लिए इलेक्शन टाल दिया गया था | नवम्बर 2006 के चुनाव में डॉ शमीम अहमद दोबारा चेयरमैन
चयनित किये गए और 2012 के पालिका चुनाव में
उन्होंने हैटट्रिक मार दी, और अब पंद्रह वर्षों के बाद एक बार फिर यहाँ की सीट
महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गयी है जिसमे पूर्व चेयरपर्सन करीमुन्निसा मैदान में
हैं तो उनका सामना हैटट्रिक बनाने वाले डॉ शमीम की पत्नी हबिबुन्निसा कर रहीं हैं,
इसके अतिरिक्त दस अन्य महिला उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमे हाजी अब्दुल मुक्तदिर
अंसारी (हाजी पल्लू) की पत्नी तमन्ना बानो इत्यादि सर्वोपरी हैं |
टाउन एरिया
कार्यालय का उद्घाटन 16 मई 1963 को उस वक्त जिला जज शशि भूसन सरन के हाथों हुआ
था जबकि नगर पालिका कार्यालय का उद्घाटन 15 अगस्त 1974 को उस वक़्त के डीएम बाल कृष्ण चतुर्वेदी ने
किया था |
1923 में जब मुबारकपुर को
नोटिफाईड एरिया का दर्जा दिया गया थे उस वक़्त यहाँ की आबादी लगभग साढ़े बारह हज़ार
थी लेकिन 1971 में यह आबादी दोगुना यानी
पचीस हज़ार हो गयी, 1981 में आबादी तकरीबन 29 हज़ार थी, 1991 में यह आबादी
तेज़ी से बढ़ कर 45,388 हो गयी | 2001 में 56,465 और 2011 में यह आबादी 70,463 तक पहुँच गयी औ फिलहाल अमिलो को मुबारकपुर में शामिल कर देने के बाद यहाँ
आबादी लगभग एक लाख बीस हज़ार हो गयी है, जिसमे वोटरों की कुल संख्या 70,447 है, जिसमे 36,349 पुरुष मतदाता और 34,398 महिला मतदाता हैं |
اللہ آپ کو جنت میں علی مقام عطا فرمائے
ReplyDeleteMy proud my Mubarak Pur
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