मिसाल: मुस्लिमों के लिए ‘रोज़ों की फिक्र’ में रातों को जागता है ये हिंदू परिवार
एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के कैराना से हिंदू के पलायन के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, वहीं दूसरी और एक हिंदू परिवार ने हिंदू-मुस्लिम एकता और इंसानियत की शानदार मिसाल पेश की है.
यूपी के आजमगढ़ में एक हिंदू परिवार को मुस्लिमों के रोज़ों की इतनी फिक्र है की वह अपनी रातों की नींद को त्याग कर मुस्लिम परिवारों को रमजान में सेहरी और फज्र की नमाज़ के लिए जगाते हैं.
एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक, आजमगढ़ के मुबारकपुर गांव में एक शख्स अपने 12 साल के बेटे के साथ सुबह 1 बजे उठ जाता है और अगले दो घंटों तक गांव के मुस्लिम परिवारों को रमजान में सेहरी और सुबह की नमाज़ के लिए जगाता है.
सुबह 3 बजे तक 45 साल के गुलाब यादव और उनका 12 साल का बेटा अभिषेक गांव के सभी मुस्लिम घरों पर दस्तक देते हैं और उन लोगों के नींद से जगाने का काम करते हैं. यादव का कहना है, ‘’वह 45 साल पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. साल 1975 में उनके पिता चिर्कित यादव ने इस परंपरा की शुरुआत की थी.’’
गुलाब यादव कहते हैं, ‘’उस वक्त वह काफी छोटे थे और उन्हें इसकी वजह भी नहीं समझ आती थी. वह कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि इससे शांति मिलती है. मेरे पिता के बाद, मेरे बड़े भाई ने कुछ सालों तक यह काम किया, उनके बाद मैंने यह जिम्मा उठाया और अब मैं हर रमजान यहां लौट आता हूं’’.
गुलाब यादव पेशे से दिहाड़ी मजदूर हैं, जो कि ज्यादातर समय दिल्ली में रहते हैं, लेकिन रमजान आने पर वह पूर्वी यूपी के आजमगढ़ स्थित अपने गांव लौट आते हैं.
गांव में शफीक नाम के एक शख्स का कहना है, ‘’वह महज चार साल के थे, जब यह परंपरा शुरू हुई थी. शफीक कहते हैं, ‘आप देखिये, यह बेहद प्रशंसनीय काम है. वह दो बार गांव का चक्कर लगाकर पक्का करते हैं कि कोई भी सेहरी करने से ना चूके. इससे ज्यादा पवित्र चीज़ और क्या हो सकती है.’’
Courtesy: abpnews.abplive.in
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